जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल के पीजी छात्र डॉ कमलेश उरांव के साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर चिकित्सकों का हड़ताल चौथे दिन शुक्रवार को भी दोपहर तक जारी रहा। जिसके कारण एमजीएम समेत परसुडीह खासमहल स्थित सदर अस्पताल के साथ साथ निजी नर्सिंग होम के ओपीडी भी बंद रहे। वहीं हड़ताल खत्म करने को लेकर सुबह से ही कवायद चल रही थी।
चूंकि डॉक्टरों की मुख्य मांग आरोपी की गिरफ्तारी थी और जो पूरी भी हो चुकी थी। मगर जिला प्रशासन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान न आने के कारण पूरे राज्य में हड़ताल शुरू हो गई। साथ ही एमजीएम अस्पताल में भी जूनियर डॉक्टर टेंट गाड़कर धरने पर बैठ गए। जबकि उसके कुछ देर बाद प्रशासन के साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) प्रतिनिधियों की बात हुई।
इस दौरान प्रशासन ने अबतक हुई कार्रवाई से डॉक्टरों को अवगत भी कराया। जिससे सभी संतुष्ट दिखे। जिसके बाद जमशेदपुर आइएमए के प्रतिनिधियों ने इसकी सूचना प्रदेश कार्यालय रांची को भेजी। चूंकि पूरे राज्य में हड़ताल शुरू हो गई थी। जिसके तहत धनबाद में भी जूनियर डॉक्टरों ने एसोसिएशन के बैनर तले हड़ताल शुरू कर दी। जिसको लेकर यह सूचना राज्य के सभी ब्रांच को भेजा गया। इसके बाद आइएमए, झासा व जेडीए पदाधिकारियों की सहमति से पूरे राज्य में हड़ताल समाप्ति की घोषणा की गई। हालांकि तब तक सुबह के ओपीडी का समय लगभग खत्म हो चुका था। जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। बताते चलें कि बीते तीन दिनों से एमजीएम अस्पताल के ओपीडी बंद होने की वजह से शुक्रवार मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह नौ बजे से ही लंबी लंबी लाइनें लग गई। इस दौरान मरीज ओपीडी में पर्ची लेकर लाइन भी लगे हुए थे। साथ ही वे डॉक्टर का इंतजार भी कर रहे थे। मगर दोपहर 12 बजे उन्हें जैसे ही पता चला कि डॉक्टर ओपीडी में नहीं आएंगे तब उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया।
मरीजों का कहना था कि रजिस्ट्रेशन काउंटर पर उनसे कहा गया कि ओपीडी में सीनियर डाक्टर बैठेंगे। जिसके कारण उन्हें पर्ची भी दिया गया। जबकि अंतिम समय में उन्हें कहा गया कि कोई डॉक्टर नहीं आएंगे। जिसपर मरीजों ने विरोध भी किया। हालांकि शाम में ओपीडी सामान्य दिनों की तरह ही खुला। इस दौरान मरीजों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मौके पर एमजीएम अधीक्षक डॉ रविंद्र कुमार, उपाधीक्षक डॉ नकुल प्रसाद चौधरी, आइएमए प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ एके लाल, आइएमए अध्यक्ष डॉ जीसी माझी, सचिव डॉ सौरभ चौधरी, डॉ केके चौधरी, डॉ बलराम झा, डॉ केके सहगल, डॉ अजय राज समेत अन्य मौजूद थे।